आदमी का व्यवहार एक एसा दर्पण है जिसको देखकर,परख कर या अपने चिंतन के साथ रख कर उसके तमाम भविष्य,वर्त्तमान और अतीत का अनुभव सहज ही किया जा सकता है |उसकी जीवन शैली उसका विकास औरउसकी वैचारिकता का सहज अनुमान इस व्यवहारिक पक्ष से लगाया जा सकता है |उसकी क्रिया शीलता,उसका जीवन के प्रति दृष्टिकोण, उसके व्यवहार से ही परिलक्षित होता रहता|हम यह कह सकते है की जीवन के हर सशक्त पहलू का प्रत्यक्ष आईना यह व्यवहार ही होता है |जब जीवन की छोटी से छोटी बड़ी से बड़ी उपलब्धियां इस व्यवहार पर ही निर्भर है तो आवश्यक यह है कि व्यवहार के इस पक्ष को अधिक महत्व प्रदान किया जाए |
मित्रों व्यवहार एक ऐसा विषय है जिसकी संवेदन शीलता बहुत अधिक है ,क्रोध ,अपनत्व ,घृणा ,द्वेष ,विराग ,प्रेमये सब इसका ही रूप है जीवन के प्रति सकारात्मक और ऋणात्मक सोच भी आपके व्यवहार को प्रभावित करतीहै,आपके लिए लिए अपने हर क्रियान्वयन और सोच पर गहरी चिंतन शीलता की आवश्यकता है व्यवहार के लिएआप अपना मूल्यांकन अवश्य करें |
- दूसरों के प्रति अपना दृष्टी कोण सकारात्मक रखें जिससे आप में सकारात्मक ऊर्जा काप्रभाव बढेगा ऋणात्मक व्यक्तित्व के लोगों को धीरे धीरे अपनी सोच से दूर रखने का प्रयत्न करें चाहे वे कितने भी नजदीकी रिश्तों मेंक्यों न हों |
- सबसे मीठा बोलिए और कई बार आपको जो उचित न लगे ,उसका सहज और सरलता से विरोध करें ध्यानदेने वाली बात यह है कि यहाँ भी आप अपना संयम बनाए रखें |
- अपने मूल्य और आदर्श स्थापित करें और कोशिश हो उसका पालन हो |
- आवश्यक होने पर ही बात करें ,दूसरों को ध्यान से सुनियें ,शायद वह अपना प्रश्न और उत्तर आपको दौनों हीबता रहा है उसमे आप अपना समय और शक्ति ख़त्म नहीं करें |
- आपके चलने बैठने उठने ,बात करने के लहजे से केवल श्रेष्ठता और विनम्रता झलकनी चाहिए क्योकि येबिन्दु भी आपके व्यावहार को अधिक सशक्त बनाते है |
- क्रोध ,घृणा ,मन मुटाव की स्थिति में नकारात्मक व्यवहार न करें क्योकि ये आपके सयंम सब्र औरविनम्रता की परिक्षा है |
- दूसरे को यथा सम्भव प्रोत्साहन देने का प्रयत्न करें ,क्योकि इस व्यवहार से आपका कर्म,कार्य शैली तथासीखने की भावना अधिक प्रबल और विकसित होगी |
- अपने आपको कृत्रिम रूप से ,आवरण में रखकर ,और श्रेष्ठ न होते हुए भी श्रेष्ठ साबित करने की कोशिश नकरें क्योकि इससे आपकी आत्मा बल ,और विकास पथ केसकारात्मक पहलू अधिक क्षतिगृस्त होंगे, येआपके लिए बड़ी बाधा बन जाएगा |
- जीवन में भविष्य के प्रति सकारात्मक सोच बनाए रखें क्योकि यही आपको भविष्य की सुरक्षा देगा |
- आलोचना से बचें ,झूठ फरेब और लालच से आप थोडा लाभ अवश्य कमा सकते है, मगर दीर्घ काल में ये हीआपके लिए अधिक ऋणात्मक पक्ष साबित होगा |
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