Thursday, August 6, 2009

मिलावट,भ्रष्टाचार को कडा कानून चाहिए

भारतीय परिवेश में हम सब बड़ी बड़ी बातें करते है ,बार बार यह जताने की कोशिश करते है कि हम मूल्यों औरसंस्कार में सबसे उन्नत सभ्यता रखते है मगर बड़े दुःख और क्षोभ का विषय है कि खाद्यपदार्थों ,आधारभूतनिर्माणों और दवा व्यवसाय,दूध, घी ,और हर विकास के तथा जीवनके लिए आवश्यक पदार्थों में मिलावट का नयादौर सा आरम्भ दिख रहा है ,बच्चे जन्म से पूर्व कोख में ही अपंग हो रहें है उन्हें पैदा होते ही तमाम बीमारियाँ घेररहीं है ,दवा केनाम पर विष परोसा जा रहा है ,और हर आदमी कमोवेश बीमार लाचार और अपंग होता जारहा है|


आधार भूत निर्माण कार्यों में ऐसा निर्माण किया जारहा है जिसका स्वयं का आधार झूठ फरेब असत्य और मुनाफा कमाने का साधन बन गया है |पुल ,और निर्माण कार्य बनते बनते ही ध्वस्त हो रहें है ,वेही सड़कें बार बार बनाई जारहीं है जिन्हें हम पूर्व में बना चुके है ,बांधों के निर्माण आवश्यकता के अनुरूप नहीं अपितु नेता के चुनाव क्षेत्रों से जुड़े है ,और सर्वांगीण विकास आज भी आदिवासियों की तरह भूखा ही खड़ा है |और हम विकास को सांख्यिकी आकडों के भंवर में सबसे श्रेष्ठ बताने कि कवायद में लगे है|

भ्रष्टाचार और मिलावट दौनोही ऐसे ही
अपराध है जिन्हें क्षम्य करना देश समाज और नागरिकों के लिए बहुत बड़ा अन्याय है |मुग़ल साशन काल में ऐसे अपराधो की सजा सजा ऐ मौत तय की जाती थी |मगर जबसे हम अधिक विकसित और ज्ञानी बने है हमारी व्यावस्था ने हर आदमी को बेईमान साबित कर दिया है क्योकि हम में सच बोलने और स्वीकार करने का सहस ही नहीं जुटा पाते है |

भ्रष्टाचार के लिए एक ऐसा क़ानून हो जो बिना समय गवांये उसकी दंडात्मक कार्यवाही कर सके १ आदमीके कत्ल पर जो अदालतें आदमी को आजीवन कैद की सजाए दे देती है वे पूरे समाज और राष्ट्र के नागरिकों के ह्त्या के षड्यंत्र में शामिल किसी अपराधी को बरी कैसे करसकती है |भ्रष्टाचार और मिलावट के बारे में सरकार को एक बार फिर पुनर्विचार कर नीति का निर्माण करना होगा नहीं तो कल उनके घरों में भी उस अभिशप्त मौत का तांडव होगाजिसके लिए कमोवेश वे भी बराबर के जिम्मेदार थे |

मित्रों इस सम्बन्ध में निम्न तथ्य महत्वपूर्ण हो सकते है

  • राष्ट्र की सर्वोच्चजाँच एजेंसी द्वारा भ्रष्टा चार और मिलावट की जाच की जाए |
  • पुरानी जांच एजेंसियों के पुरातन तरीके बदले जाए एवं नयी शोध पद्धतिया और तरीके खोजे जाए जिसकाप्रशिक्षण जनता में भी बांटा जाए|
  • भ्रष्टाचार एवं मिलावट और स्तरहीन कार्यके सिद्ध होने पर यह मालूम किया जाए कि यह कार्य कबसे चलरहा है एवं कौन कौन से अधिकारी इस क्षेत्र के जिम्मेवार थे इन सब पर भी अपराधिक मुक़दमे चालाये जाएकहने का आशय यह कि अधिकारियों कि जबाब दारी तय कि जाए |
  • इस बात की सूचना आम की जाए की कौन कौन से नेता,समाजके प्रतिष्ठित लोग ऐसे अपराधियों को बचानेकी कोशिश करते है इन्हे जनता के बीच अवश्य ले जाए |
  • भ्रष्टाचार और मिलावट केलिए विधान अवं लोक सभा सदस्यों ने अपने क्षेत्र में क्या उपाय किए कितने लोगोंको सजा के लिए क़ानून के हवाले किया यह जानकारी समय समय पर एकत्रित की जाए |
  • भ्रष्टाचार अवं मिलावट के लिए सजा मौत और आजीवन कैद जैसी सजाये जल्दी तय की जाए |
  • कारखानों के साथ बाजारों और दुकानों के रखे समान पर भी छापे डाले जाए और दुकान मालिकों एवम उनअधिकारियों पर भी कठोर कार्यवाही की जावे जो इस क्षेत्र के लिए जिम्मेदार थे |
  • सबसे पहले सरकार और जनता को यह तय करना होगा कि वे इस महा अपराध के लिए क्या चाहते है यदिवास्तव में वे स्वस्थ्य और तंदुरस्त समाज कि कल्पना करते है तो उन्हें इस हेतु कठोर दंड का प्रावधानकरना चाहिए |
  • जन जागरण अभियान के लिए जनता को सजग रहना होगा ऐसी घटना कि समय रहते जानकारी सरकारकन्द्रीय सरकार और अधिकारियों को दे | ,
  • न्याय पालिका को भारत का अस्तित्व बचाने के लिए ऐसे अपराधो को देश द्रोह और सार्वजनिक हत्या केषडयंत्र कीतरह कठोर सजा के लिए विधान में संशोधन कि पहल करनी चाहिए |
  • सर्वोच्च न्याय पालिका ईश्वर के बाद सबसे सशक्त न्याय का मध्यम है ऐसे में उससे यह प्रार्थना कि जासकती है कि यदि आज इस भ्रष्टाचार और मिलावट तथा स्तरहीन निर्माणों को गंभीर अपराध कि श्रेणी मेंनहीं रखागया तो सम्पूर्ण भारतीय भविष्य कि नींवे आधार हीन और निर्बल रह जायेंगी |अतः इसके लिएआवश्यक संगठन ,एवम नए कठोर क़ानून की आवश्यकता को पूरा किया जाए |
  • केन्द्र ,राज्य ,जिला तहसील क़स्बा नगर ,और उनके भागों के आधिकारियों को भी न्याय के क्षेत्र में नजदीकरखकर उन्हें जिम्मेदार बनाया जाए ,आवश्यकता होने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए |

यह
कुछ बिन्दु भ्रष्टाचार निवारण के लिए अधिक सार्थक पहल करसकते है |


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