अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी ____________ आँचल मैं है दूध और आंखों में पानी
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता________ नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः
नारी जीवन की आद्धा शक्ति रही है समाज संस्कृति और वैचारिक विभेद के बाद भी यह सत्य हमेशा अकाट्य रहा है कि नारी ने इतिहास के पन्नो में नए नए आयाम जोड़े है |विश्व परिद्रश्य में यदि हम बात करे तो वह अनेक भूमिका में स्वयं को सिद्ध करने में माहिर रही है |माँ के रूप में उसने आसमान जितना वात्सल्य दिया तो कभी पिता बनकर भरन पोषण का दायित्व भी संभाला ,बहिन के रूप में उसने अपने से ज्यादा चिंता की ,तो वही पुत्री बनकर वह स्वयं पिता को महादान करने सौभाग्य देने वाली बन गई |वह जब पत्नी बनी तो ये सारे सम्बन्ध उसने एक साथ निभाए साथ ही वह पति के लिए अर्द्धाग्नी बनकर जीवन की साँसों में समाहित हो गई|अर्थात वह जहाँ भी रही उसने अपने पूर्ण स्वरुप को जीवित रखा फिर वह अबला कैसे हुई ?यदि उसका आपको जीवन देना अपराध था तो वह अबला होसकती है ,यदि उसका वात्सल्य प्रेम और चिंता करना सब व्यर्थ था तो वह अबला हो सकती थी मगर यदि उसने इन परीक्षाओं में स्वयं को सिद्ध किया है तो वह अबला हो ही नहीं सकती, और यदि इसके बाद भी उसे अबला कहा गया तो धिक्कार है उन सब लोगों पर जिनकी परिवरिश सेवा और प्रेम के बाद भी उसे अबला रह जाना पडा |
प्रकृति,आत्मा, मेधा,शक्ति,स्फूर्ति ,कुण्डलिनी ,नाद ,साधना ,ये सब भी तो स्त्री या नारी कॉ पर्याय है ,आप बताइये की इसमे से कौन कमजोर और शक्ति हीन है|यदि ब्रह्म की कल्पना पुरूष की है तो उसकी सकती तो नारी है थी न,यदि जीवन पुरूष था तो उसकी वृद्धि,आयु ,परवरिश ,और शान्ति तो नारी ही थी न |
कहने कॉ अभी प्राय यह की नारी अनादी से महान और शान्ति विकास और खुशहाली कॉ प्रतीक रही है उसे छोटा बताना स्वयं अपने को गाली देने के बराबर है|सृष्टि का स्त्रोत ,वही हिरण्यगर्भ की गहनता और वही प्रलय काल की नव स्रष्टि कॉ विधान भी है ,वही आदि और अंत कॉ कारक और कारण भी है उसपर सारे रिश्ते स्वयं को सिद्ध कराने के लिए ही है और वह उसमे सफल भी रही है |
यत्र पूज्यते नारी रमन्ते तत्र देवता
नारी कॉ सम्मान सुख शान्ति एश्वर्य और चिरंतन अभाव रहित स्थितियां देता है इसके विपरीत जीवन संघर्ष ,आशांति और अभी शाप बन जाता है अब आपके हाथ में निर्णय है की आप उसे सबला सिद्ध करते है या अबला
पिछले दशक में युवाओं के साथ बहुत बड़े बड़े सामाजिक परिवर्तन हुए ,और इस समय लगभग ५ लाख युवाओं ने आत्महत्याएं की जो समाज के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है|युवा तो किसी समाज संस्कृति और सभ्यता कि नींव होता है ,उसमे अपरमित शक्ति होती है ,वह तूफानों को मोड़ने कि शक्ति रखता है और उसे ऐसा ही होना चाहिए | ख़राब समय भी निकल ही जाएगा ,आगामी भविष्य यह संकल्प लिए खड़ा है क़ि आपके नए जीवन का नव आरंभ आज से ही हुआ है ,एक बार फिर सकरात्मकता का संकल्प लेकर आगे बढ़ों समय आपको अमर-सफल सिद्ध कर देगा ]
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3 comments:
Sure God created man before woman. But then you always make a rough draft before the final masterpiece.
i really agree with your thoughts about WOMAN....n i really wanna give this message to all those men who think that women are weak or "abla"..... WOMAN is much more stronger than a man is,,she have more strength physically as well as she is more mentally and emotionally stable..
i really dnt understand y man thinks he is more superior,,actually the fact is man is scared of the knowledge and the strength of a woman becoz he knows the reality n so ignore the truth and pretend as if he is unknown to it,,
we women are the creators and the foundation on which the future of nation depends upon....
SO RESPECT WOMAN
AASHI
ok beta but naree n purush both are the wheels of a moter both are equl
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