बसि कुसंग चाहत कुशल ,रहिमन यह अफसोस
मान घट्यो समुद्र को जो रावन बसा पड़ोस
बुरे आदमी की संगत का असर यह होता हैं कि व्यक्ति कितना ही बड़ा क्यों ना हो उसकी प्रतिष्ठा और सम्मान कोछति अवश्य पहुँचती हैं ,रावण के पड़ोस में रहने के कारण ही विशाल समुद्र कि मर्यादाओं को छोटे छोटे वानरों नेआधार हीन बना डाला|अर्थात बुरे व्यक्ति के प्रभाव आपने व्यक्तित्व को अंधेरे और पतन के रास्ते पर ले जा सकतेहै आपको बुरे व्यक्तियों से बच कर रहना चाहिए |
जीवन ऐसा ही सत्य है जिसपर हर व्यक्ति और सम्बन्ध पर पर्याप्त प्रभाव पड़ता है |हम अपने समाज के सम्बन्धऔर मित्रों ,परिवार के लोगो ,एवं नए नए लोगों से मिलने के लिए बचैन रहते है ,शायद हमें यह लगता है कि बहुतबड़े समूह के बगैर हम अपना सामाजिक स्तर और सामाजिक प्रतिष्ठा नहीं बचा सकते हैं |हमे तथाकथितआधुनिक होने के लिए मित्र समूह कि आवश्यकता हैं जो आवरण ,आदतों और पाश्चात्य रंग में डूबे समाज मेंअपनी अलग पहचान बनाए रखते हैं ये बात और है कि उनका आकलन समाज सही रूप में करता है या नहीं |
हमइस खोज में समय नहीं लगाते और केवल उस तात्कालिक समय में हमे जो अच्छा लगा उसके लिए आतुर होकरदौड़ने केअलावा हम पर कुछ नहीं होता ,परिणाम धीरे धीरे हम अपने वास्तविक स्वरुप और आदर्शों को भी बदलडालते है ये सोचे बगैर कि हम जिनका अनुशरण कर रहें हैं उनपर मूल्यों व्यक्तित्व ,एवं गुणों के नाम पर कुछ है हीनहीं ,वे तो अपने खाली व्यक्तित्व,हार ,और जीवन कि तमाम असफलताओं के कारण इस रूप में प्रस्तुत हुए हैहम उनका चयन करके स्वयं अपने संस्कार ,गुण , और वसीयतों कॉ धर्म अपनी प्राप्तियों के लिए बाजी पर लगाबैठे है |मित्रों हम जिन लोगों से प्रभावित होते है ,उनका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव हमारे व्यक्तित्व पर अवश्यपड़ता है और धीरे धीरे हम उसी मार्ग पर चलाने लगते हैं जिस मार्ग पर सामने वाले चल रहे होते हैं |जब हमकिसीका अनुशरण करते है तो हमारा व्यक्तित्व तो स्वयं ख़त्म हो जाता है लेकिन हम केवल कुछ पल किखानुभुती केलिए कुछ भी कराने को तैयार हो जाते हैं परिणाम जीवन घोर निराशा और विनाश कॉ रूप ले लेता हैंजिसमे हमारी शान्ति ,सब्र और संतोष सब छिन्न भिन्न हो जाता है |
मित्रो जीवन में किसी के संपर्क में आने से पहले ,उनके साथ मेल जोल बढ़ाने और करीब आने से पहले एक बार उनलोगों का आकलन अवश्य करें उनके व्यक्तित्व की उपलब्धियों के साथ उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का लेखा जोखाअवश्य रखें आपके व्यक्तित्व पर चाहते न चाहते इन सबका प्रभाव अवश्य पडेगा ,आपको सुनिश्चित करना होगाकि आप जीवन से जैसी उम्मीद लगाए बैठे है क्या वे आपके नए संबंधों से प्रभावित तो नहीं हो रहे है | आपकोअपने परिवार , मित्र ,और अपनों के अन्तरंग संबंधों पर पुनर्विचार कर यह जानना होगा कि क्या वे व्यवहारआदर्शों और सत्य के निकट हैं कि नहीं, कहीं ये सम्बन्ध भी आपसे समय के अनुसार अपना मूल्य तो नहीं खो रहे|
जीवन को अच्छे संपर्क दे ,जीवन के हर सम्बन्ध को गुण , धर्म और भविष्य के आईने में देखने वाला स्वयं महानहो जाता है |
मान घट्यो समुद्र को जो रावन बसा पड़ोस
बुरे आदमी की संगत का असर यह होता हैं कि व्यक्ति कितना ही बड़ा क्यों ना हो उसकी प्रतिष्ठा और सम्मान कोछति अवश्य पहुँचती हैं ,रावण के पड़ोस में रहने के कारण ही विशाल समुद्र कि मर्यादाओं को छोटे छोटे वानरों नेआधार हीन बना डाला|अर्थात बुरे व्यक्ति के प्रभाव आपने व्यक्तित्व को अंधेरे और पतन के रास्ते पर ले जा सकतेहै आपको बुरे व्यक्तियों से बच कर रहना चाहिए |
जीवन ऐसा ही सत्य है जिसपर हर व्यक्ति और सम्बन्ध पर पर्याप्त प्रभाव पड़ता है |हम अपने समाज के सम्बन्धऔर मित्रों ,परिवार के लोगो ,एवं नए नए लोगों से मिलने के लिए बचैन रहते है ,शायद हमें यह लगता है कि बहुतबड़े समूह के बगैर हम अपना सामाजिक स्तर और सामाजिक प्रतिष्ठा नहीं बचा सकते हैं |हमे तथाकथितआधुनिक होने के लिए मित्र समूह कि आवश्यकता हैं जो आवरण ,आदतों और पाश्चात्य रंग में डूबे समाज मेंअपनी अलग पहचान बनाए रखते हैं ये बात और है कि उनका आकलन समाज सही रूप में करता है या नहीं |
हमइस खोज में समय नहीं लगाते और केवल उस तात्कालिक समय में हमे जो अच्छा लगा उसके लिए आतुर होकरदौड़ने केअलावा हम पर कुछ नहीं होता ,परिणाम धीरे धीरे हम अपने वास्तविक स्वरुप और आदर्शों को भी बदलडालते है ये सोचे बगैर कि हम जिनका अनुशरण कर रहें हैं उनपर मूल्यों व्यक्तित्व ,एवं गुणों के नाम पर कुछ है हीनहीं ,वे तो अपने खाली व्यक्तित्व,हार ,और जीवन कि तमाम असफलताओं के कारण इस रूप में प्रस्तुत हुए हैहम उनका चयन करके स्वयं अपने संस्कार ,गुण , और वसीयतों कॉ धर्म अपनी प्राप्तियों के लिए बाजी पर लगाबैठे है |मित्रों हम जिन लोगों से प्रभावित होते है ,उनका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव हमारे व्यक्तित्व पर अवश्यपड़ता है और धीरे धीरे हम उसी मार्ग पर चलाने लगते हैं जिस मार्ग पर सामने वाले चल रहे होते हैं |जब हमकिसीका अनुशरण करते है तो हमारा व्यक्तित्व तो स्वयं ख़त्म हो जाता है लेकिन हम केवल कुछ पल किखानुभुती केलिए कुछ भी कराने को तैयार हो जाते हैं परिणाम जीवन घोर निराशा और विनाश कॉ रूप ले लेता हैंजिसमे हमारी शान्ति ,सब्र और संतोष सब छिन्न भिन्न हो जाता है |
मित्रो जीवन में किसी के संपर्क में आने से पहले ,उनके साथ मेल जोल बढ़ाने और करीब आने से पहले एक बार उनलोगों का आकलन अवश्य करें उनके व्यक्तित्व की उपलब्धियों के साथ उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का लेखा जोखाअवश्य रखें आपके व्यक्तित्व पर चाहते न चाहते इन सबका प्रभाव अवश्य पडेगा ,आपको सुनिश्चित करना होगाकि आप जीवन से जैसी उम्मीद लगाए बैठे है क्या वे आपके नए संबंधों से प्रभावित तो नहीं हो रहे है | आपकोअपने परिवार , मित्र ,और अपनों के अन्तरंग संबंधों पर पुनर्विचार कर यह जानना होगा कि क्या वे व्यवहारआदर्शों और सत्य के निकट हैं कि नहीं, कहीं ये सम्बन्ध भी आपसे समय के अनुसार अपना मूल्य तो नहीं खो रहे|
जीवन को अच्छे संपर्क दे ,जीवन के हर सम्बन्ध को गुण , धर्म और भविष्य के आईने में देखने वाला स्वयं महानहो जाता है |
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