अतीत को वर्तमान से जीतो भविष्य स्वर्णिम हैं
अतीत की लाशें लेकर हम चलते रहे ,समय बदलता रहा और अतीत के जुर्म के जिम्मेदार हमारे सामने से गुजरते रहे वे हमे कमजोर, कमतर और हारा हुआ देखना चाहते थे हमें और यदि ये न हुआ तो हम स्वयं अपनी चोट ,धोखे और छलावे को याद कर कर के स्वयं को कमजोर बनाते रहे |हम अपने आप से उबरना नहीं चाहते थे, और यही जीवन का ग़लत मोड़ हम सब झेल रहे थे |दुनिया में एसा कोई नहीं है जिसने किसी अपने का धोखा ,छलावा और दर्द न झेला हो ,मगर यदि उसके बाद पीड़ित व्यक्ति मे उस दर्द और अहसास को ताक़त बना कर जीने और लड़ने की शक्ति पैदा हुई है तो उसने इतिहास भी रचे है |आज हम इस बात के चिंतन पर है कि यदि अतीत के घावों को हरा रहने दे और उन्हें दूसरा समझ कर छोड़ना सीखें ,शायद अपने जीवन को इसकी सबसे बड़ी जरूरत है |अचानक रेल या बड़े वाहन की चपेट से बचा व्यक्ति याद जरूर रखता है कि उसका जीवन बच गया मगर वह उसकी छाया वर्तमान पर नहीं पड़ने देता ऐसा ही जीवन चक्र है जिसमे बीते हुए यातना के छन तुम्हें उन्नति और धनात्मक सोच से दूर कर दंगे जबकि तुमसे इश्वर को बहुत कुछ सिद्ध कराना है अतीत को वर्तमान से जीतो भविष्य स्वर्णिम हैं
सम्पूर्ण विकास के आरम्भ के लिए पहले सम्पूर्ण महाविनाश जरूरी होता है यदि हम विनाश की विभीषिका से नहीं उबरे तो हम संसार के प्रति दायित्वहीन सिद्ध हो जायेंगे जबकि हमें जीवन और म्रत्यु के पश्चात भी स्वयं को सिद्ध करना पड़ता है |वर्तमान यही मांगता है की जीवन अतीत से सबक लेकर कठिन परिश्रम से उसे सफल बनाने का नाम है |हम अतीत को भूले नही वरन उसे इस तरह उपेक्षित करदे जैसे महाविनाश के कारण की कल्पना और कारक |हमें बहुत आगे जाना हैयही संकल्प आपको शक्ति देगा मगर अतीत बेडियाँ बन कर बार बार लालच,दर्द,और मजबूरी का वास्ता देकर आपका मार्ग अवरुद्ध करेगा,तुम्हारे बहुत करीब के लोग तुम्हे लालच और कुछ समय के प्रलोभन देकर तुम्हारा मार्ग रोकेंगे ,तुम भ्रम की स्थिति मे अल्प समय के सुख के लिए भ्रमित अवश्य हो सकते हो मगर यह तुम्हारा सत्य नही है तुम्हारा निर्माण बहुत अद्वतीय है और तुम्हारे संकल्प को ही उसे पूरा करना है|तुम वर्तमान केवल वर्तमान हे जियो और तुम्हे अपने गंतव्य के लिए द्रण संकल्पित होना ही पड़ेगा |
अतीत के जख्मों के अहसास से वाकिफ तुम्हे नई दिशा का रुख भविष्य की संपूर्ण खुशहाली बन कर तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है ,तुम्हे उसकी ओर इस तरह बढ़ना हैजिससे वसीयतें तुम्हारा अनुशरण कर सके |सब जानते है कि जीवन की संपूर्ण सच्चाइयों को जीकर जो परिष्कृत हुआ है वो ही समाज के इतिहास मे जाना गया है| आपमें भी अपरमित शक्ति है , आपको एक योधा की भांति सघर्ष करना है,फिर तो वर्तमान और भविष्य सपने नही हकीकत होगा और तुम होगे वर्तमान और अतीत के अजेय सत्य |
शेष फिर
पिछले दशक में युवाओं के साथ बहुत बड़े बड़े सामाजिक परिवर्तन हुए ,और इस समय लगभग ५ लाख युवाओं ने आत्महत्याएं की जो समाज के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है|युवा तो किसी समाज संस्कृति और सभ्यता कि नींव होता है ,उसमे अपरमित शक्ति होती है ,वह तूफानों को मोड़ने कि शक्ति रखता है और उसे ऐसा ही होना चाहिए | ख़राब समय भी निकल ही जाएगा ,आगामी भविष्य यह संकल्प लिए खड़ा है क़ि आपके नए जीवन का नव आरंभ आज से ही हुआ है ,एक बार फिर सकरात्मकता का संकल्प लेकर आगे बढ़ों समय आपको अमर-सफल सिद्ध कर देगा ]
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2 comments:
Bahut sahi likha hai aapne.....bahut saare log is ateet ke saath jeete hai aaj bhi aur apane bhavishya ko bigad lete hai.....jabki zindagi har kadam par hame mauke deti hai....bas hume unhe pechanana hota hai aur aage badna hota....
Wo kehte hai na---"Na Mohabbat Na Dosti ke liye Waqt rukta nahin kisi ke liye"......so life moves on....this is the only way which leads to success........
ok you understand my point
first you get success then you will get all resoursecs of life
thanks
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