Tuesday, October 20, 2009

परवाह उनकी कीजिये जो वास्तव में आपकी परवाह करते है|

आम आदमी की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि वह अपने अनुसार किसी भी परचित , सम्बन्धी का आकलन कर ही नहीं पाता ,उसे अपने नजदीकी लोगों की राय कि आवश्यकता होती है ,फिर वह मन ही मन तय करता है कि अमुक आदमी ऐसा ही है ,पागल है, या वो तो एक दम बेकार है |इसके अतिरिक्त कभी कभी हमारे आकलन जल्दबाजी में अधूरे और ग़लत साबित होने लगते है ,जिन्हें हम सही आदर्श और समाज के प्रतिष्ठित स्वरुप में रखते है वेही सामान्य और उथले साबित होने लगते है और हम केवल अपने आसपास के चाटुकारों से घिरे दूसरेव्यक्तियों का नकारात्मक चित्र देखने लगते है ,उनको जाने बगैर अपनी राय बनने लगते है ,परिणाम हम यह समझ ही नहीं पाते कि आपका असल में अपना कौन है ?,और कौन आपको अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए प्रयोगित कर रहा है ?यहाँ यह महत्व पूर्ण है कि हम उनकी परवाह कर रहे होते है जो केवल भौतिक आपूर्तियों और एकबनावटी कलेवर में बंधे हमारा शोषण कर रहे होते है तथा हमारी नकारात्मक सोच और से नकारात्मक सम्बन्ध आदर्शों को भी छोटा आधार हीन और तुच्छ साबित कर देते है |

हम बार बार उनकी परवाह करते है जो हमे अंतरात्मा से प्यार करके केवल भौतिक सुविधाओं ,एवं भविष्यके भय की वजह से हमारे साथ होते है जिन्हें साथ रखना हम अपनी मजबूरी समझ बैठते है और सदैव अंतरात्मा की गहराई से हमे उपेक्षित करते रहते है, और आप बार बार उनकी ही परवाह करके अपने को समय केसाथ रखने का प्रयत्न करते रहते है|
दूसरी और आपकी बेहिसाब परवाह करने वालों पर दिखावे का समय ही कहाँ है, जो आपको प्रदर्शन कर पाए वे तो अंतरात्मा से आपके शुभ चिंतन की कमाना करते है तथा आपको दूरसे ही सही मगर बेहद खुश देखना चाहते हैआपके बनावटी सम्बन्ध और आपकी नकारात्मक विचार धारा उस समय केवल इनका ही उपहास उड़ा पाती है,कैसा किंतु विचित्र सत्य है ये जिन्हें
, बगैर स्वार्थों के आपकी परवाह अंतरात्मा की गहराई से है उन्हें आप जाने अनजाने उपेक्षित करते रहते है और जो सम्पूर्णतह आपको भविष्य में तकलीफ का कारण बन जाती है |

दोस्तों जीवन में इंसान की पहचान एवं सामयिक निर्णयों से आपका संतोष का उच्चतम बिन्दु हमेशा प्रभावितहोता रहता है आप जिन्हें अपने ज्ञान ,समस्या ,सुख और आपूर्तियों का कारक मान बैठे है यहीं से आप जीवन केप्रति नकारात्मक सोच उत्पन्न कर लेते है क्योकि आप सहारों के लिए ठिकाना ढूढ़ रहे होते है जबकि हर समस्या समय ,और परिस्थिति समयानुसार नए सहारे स्वयं उत्त्पन्न करदेती है |
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  • मित्रों दुनिया में हर इंसान को यदि निस्वार्थ भाव से असीमित प्रेम कर सकें तो निश्चित ही समय आपको अलगसिद्धः कर देगा|
  • आप उनकी परवाह करें जो आपकी परवाह करते है|
  • आप स्वयं लंबे समय तक एक व्यक्ति का आंकलन करे ,किसी भी व्यक्ति को नकारात्मक सोच से ,रायसे,छोटा बनने की कोशिश करें इससे आपको ही तकलीफ होगी |
  • निस्वार्थ और सहज सम्बन्ध जीवन की सबसे बड़ी दुर्लभता है इनको संजों कर रखा जाना चाहिए |
  • हमारी उपेक्षा से किसी की अंतरात्मा को कष्ट नहीं पहुँचाना चाहिए |अन्यथा हमारे आदर्श ही हमारे दुःख का कारण बन जायेंगे |यह प्रकृति का सबसे बड़ा अपराध भी है |
आप अनंत शांती और सुख तथा भविष्य के प्रति यदि सजग है तो ध्यान रखिये कि आप उनकी परवाह करे जो आपकी परवाह करते है इन्हें छोटा साबित करने से आपका कद भी घट जाता है |साथ ही उन्हें सोच से अलग रखें जो आपके ज्यादा नजदीक होने और शोषण के लिए आपके लिए उपलब्ध है |अपनी अंतरात्मा से यह निर्णय कीजिये कि जीवन के वास्तविक अर्थों में आपका अपना है कौन ?क्या आपकी वास्तविक परवाह करने वालों को उपेक्षित करके आप जीवन की वास्तविक शान्ति पा सकते है ?मित्रों यह उत्तर आपको स्वयम मिल जाएगा |

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