Saturday, January 19, 2013

क्या जरूरी है ये पता तो चले ,स्वयं को आत्म केन्द्रित करें

क्या जरूरी है ये पता तो चले 
स्वयं को आत्म केन्द्रित  करें 
जीवन निकलता जाता है छण  छण बीता जाता है और जीवन हर पल मन यह जानने   की कोशिश करता रहता है कि  क्या उसके लिए आवश्यक है ,वह जीवन की हर जरूरत को  किस क्रम में रखे जिससे उसे सबसे ज्यादा संतोष प्राप्त हो सके और वह निरंतर इसी क्रम प्रयास करता रहा है ।उम्र समय परिवार परिवेश और हर बदलती स्थिति परिस्थिति में उसकी प्राथमिकताएं बदलती जाती है और वह अपनी बुद्धि और शारीरिक मानसिक आवेगों से प्रभावित होकर ये निर्णय करता रहता है फिर समय भविष्य में जाते हुए यह निर्णय करता है कि  आपके द्वारा किया हुआ निर्णय सफलता का मायने हुआ या असफलता का मायने ।

अब यही आवश्यकता है  कि यह अपने आपको आत्मकेंद्रित कर के यह विचार करें की  आप वस्तुत;चाहते क्या है  क्योकि जीवन में हर पल आपसे अलग अलग विषय वस्तुओं  की उपलब्धि की मांग  करता रहेगा और आपको यही सिद्ध करना होगा कि आप जीवन के  हर भाग को पूर्ण करके जियें है और आपने जीवन को सफल सिद्ध भी किया है ।

दोस्तों यही जीवन का सार भी है आप जीवन के हर इम्तहान में सफल ही होंगे शर्त यह है की आपको जीवन को हर पल उसी अंदाज़ में जीना है जैसी परिस्थितियां आपसे मांग करती है है इसमें महत्वपूर्ण विषय यह है की आप जीवन की परिस्थितियों में अपने अस्तित्व को खो न दें आपको कीचड और कमल का सम्बन्ध ध्यान में रखना है आपको केवल विकास की आंधी में निर्लिप्तता बनाये रखनी है आप किसी  भी घटना या जीवन की परिस्थिति में खो न जाएँ वरन  एक कार्य पूर्ण करके दूसरे के लिए संकल्पित हो जाए देखिये जीवन आपको वो ऊँचाइयाँ देगा जिसे समय इतिहास और समाज बार बार सराहते हुए आपको इतिहास पुरुष बना देगा ।

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