Wednesday, February 12, 2014

स्वयं को अतुलनीय (incomparable) बनायें

बहुमूल्य और बहुत खूबसूरत है जीवन और इसे उतना ही खूबसूरत और सुन्दर बनाया जा सकता है जैसा कि हमारी कल्पनाओं में अति सुन्दर  की परिभाषा है | जीवन के हर भाग में समस्याएं ,उनका हल  ,खुशियां और जीवन कि गति सब एक साथ चलता रहता है और हम उन सब के मध्य अपना स्थान बनायें रखते है | अनेक बार जीवन में बहुत ऊपर जाने के समय या बड़े लक्ष्य बनाते समय हम लड़खड़ाने लगते है इसका मतलब यह तो नहीं कि हम चलना और जीत की  आशाये ही छोड़ दें ,दोस्त यह जीवन आपका है और आप उस सर्वशक्ति मान की वह रचना हो  उसने एक नियत उद्देश्य के लिए बनाया है और आपको वाही पूरा करके जीवन को श्रेष्ठ प्रमाणित करना है |

अति सुंदरता के आस पास  काटें और जहरीले जीव होते है आप ध्यान रखे आपके जीवन में जीतनी ऊंचाइयों कि आशा ईश्वर करता है आपको उतनी ही बड़ी समस्याओं एवम कठिन मार्गों को सहज बनाना होगा आपमें वह अपरमित शक्ति है जिसे जाग्रत  कर आप स्वयं को अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित कर सकते है | हम सहज जीवन में सरलता सहजता और समस्याओं से भागने  की प्रवृति रख लेते है परिणाम समस्या आने से पूर्व ही खुद को हार मान लेते   है और किसी समस्या का एक नकारात्मक पहलू स्वयं खड़ा हो जाता है | 

जीवन से बहुत सी आकांक्षाएं रखते है हम सब और दिन प्रति दिन अपने आपकी ये अपेक्षाएं बढतें रहते है हम सब सामान्यतः हम सहज ही जीवन से चाहने लगते है कि ---


  • मेरी स्वयं की  पहिचान बहुत बड़ी हो और लोग उसे सराहना और प्रसंशा दे | 
  •  अपने रूप रंग और सौंदर्य से अति सुन्दर  बनूँ और समाज परिवार मेरे इस सोंदर्य कि प्रसंशा अवश्य करें जिससे मै सब से अलग और श्रेष्ठ दिखूं | 
  • मेरे  मिलने वाले लोगो में मै सबसे प्रिय रहूँ लोग सबसे अधिक मुझे प्यार ध्यान और अपनत्व दें सबकी नजर में मेरा एक अलग श्रेष्ठ स्थान अवश्य हो | 
  • मै  एक सहज शांत और निर्विघ्न जीवन जियूं जिसमे किसी प्रकार की  कोई  विपरीतता न हो | 
  • संसाधनों कि दृष्टी से मैं हमेशा पूर्ण धनवान रहूँ मुझपर हर सुविधा और हर आराम का साधन हो जिसकी मेरा मन जरूरत समझाता हो | 
  • सारतः यह कि सुंदरता ,   शारीरिक मानसिक ,आध्यात्मिक,और भौतिक, परा भौतिक ,जगत में  मैं परिपूर्ण रहूँ जिसकी तुलना किसी से न कि जा सके |  मैं अजेय रहूँ और जीवन से अजेय बनकर ही प्रस्थान करूँ | 
  मेरे प्यारे दोस्त संसार में हर आने वाले मनुष्य ऐसी ही अनेक आकांक्षाओं के के मध्य अपने जीवन में खोजकरता  रहता है कि उसे खुशियां कैसे मिलेंगी और अनवरत उन्हें बढ़ने का पर्र्यटन करता रहता है और उसे ऐसा करना भी चाहिए क्योकि जीवन को सबसे सुंदर खुश शांत और अतुलनीय बनाने के प्रयत्न किये ही जाने चाहिए |  

हर जीवन एक बड़ी परम सत्ता से जुड़ा है और उसका लक्ष्य बहुत निश्चित है उस सर्वशक्तिमान ने उसे ऐसा बनाया है कि जिसकी तुलना किसीसे नहीं कि जासकती परन्तु जब कभी समस्याओं और विपरीत परिस्थितियां जन्म लेती है तो आम आदमी अपने सारे लक्ष्य उद्देश्य और जीवन कि ममहानता  भूलकर उस आवेग में बह जाता है और हम फिर हार जाते है दोस्तों एक बार आप जीवन के इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार अवश्य करें | 

  • जीवन में अपने से अधिक विश्वास  , प्रेम और दोस्ती अपने सिवा किसी से न करे ,आपको ईश्वर ने नियत उद्देश्य के लिए बनाया है और आपको वाही महान  लक्ष्य पूर्ण करना है | 
  • जो लोग आपके आस पास है उनमे से कुछ लोग ही आपके साथ चलने वाले है बहुत से लोग आपका शोषण करने की आस में आपके आस पास है और वो अपने उद्देश्य में सफल होकर आपसे दूर जाने वाले है 
  • आपका जीवन सर्वाधिक महत्वपूर्ण है और विकास उन्नति और लक्ष्य की दौड़ कभी भी कहीं से भी आरम्भ कि जा सकती है | 
  • धन , वैभव , स्तर गरीबी आमीर और समाज ,समस्याएँ आपके लक्ष्य में बाधक नहीं हो सकती क्योकि उनके मध्य से आपकी लक्ष्य के प्रति ललक और प्रयत्न और सजीव और सशक्त होगा | 
  • आप अपने कार्यों और उद्देश्यों को अपने जीवन में स्पष्ट  रखें और समयानुसार उन्हें दोहराते रहें जिससे आप अपने उद्देश्य के प्रति एक दिन अवश्य जाग्रत हो जायेंगे | 
  • वैभव धन ,और संशाधनों कि बहुतायत आपको यदि अपने उद्देश्यों की और जाने से रोकती है तो आप सबसे अपने को अलग मान कर स्वयं के विकास में लगें नहीं तो आपका आत्मविश्वास ख़त्म हो जाएगा | 
  • जीवन कि हर विपरीत परिस्थिति आपके लिए एक बड़ी सफलता के घोष का प्रवेश द्वार है आप उससे विचलित हुए बगैर धीरज के साथ समय का इन्तजार और श्रेष्ठ कर्त्तव्य  के साथ अपनी जगह खड़े रहें कल आपका ही होगा | 
यही से आरम्भ होगी जीवन कि वह दौड़ जो आपको अतुलनीय सिद्ध कर देगी  | 



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