Saturday, December 5, 2009

उलझने सारी सुलझती जायेंगी

चाँद तारे आसमानों की तरह
हैं जरूरी आप ऐसा मानिए

सब मिलेगा आप तो कोशिश करे
वक्त को अपना करीबी जानिए

जिंदगी आसान सी हो जायेगी
जीत के जज्वात अपने मानिए

वो खुदा केवल तुम्हारे साथ है
इस यकीं को अपने दिल में ठानिये

उलझने सारी सुलझती जायेंगी
आप दम ख़म को जरा पहचानिए

राह चुनकर आप तो चलते रहें
मंजिलें ख़ुद पास आती जायेंगी

3 comments:

Abhijay Singh Sisodia said...

Phoops Happy Bday.....

Anonymous said...

Raah chunna hi to nahi hai aasan. Raah kaise chune agar khade ho dorahe par. Kis or badayen kadam- dil ki raah par ya dimaag jahan le jaaye.

Anonymous said...

dilo dimaag se oper bhi bahut see hai rahen

eai mere dost too ek bar mere sath to chal

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