Monday, September 12, 2011

अपने तो सपने होते है ----------

जीवन नाम है एक पुरुषार्थ का ,एक साहस का और एक ऐसी अन चाही प्यास का जों अपने आस पास की हर चीज से हरव्यक्ति से हर स्थिति से सम्मान प्यार और एक ऐसी मानसिकता की चाह क़र बैठती है जिसमे केवल स्वयं का आंकलन औरअपने लिए उनके मन में स्थान ढूढना दिखाई पड़ता है |काल समय और जरूरतें सब ही तो बदलती रहती है और उनमे स्वयंको स्थिर सम्मान मिलने की प्रत्याशा खुद दुःख का कारण बन जाती है और हम बार बार अपनी ही बनाई हुई कृति से हाररहे होते है फिर दुःख सुख कैसा |

दोस्तों जों सुख दूसरों पर आश्रित हुआ वह तो सदैव दुःख का कारक होगा ,जीवन भर हमने केवल ये काम ही किये है
  • जों हमें अच्छा लगा वो सबसे अच्छा है |
  • सारी दुनियां की समस्याएं हम सुलझा सकते है |
  • हमारी सोच ज्ञान और निर्णय सर्व श्रेष्ठ है |
  • हमे केवल अपनी चिंता है ,अधिकार याद है और याद है हूँ केयर्स कहना |
नहीं दोस्त हम कुछ भूल रहे है यहाँ सब गति मान है समय सबका तेजी से भाग रहा है उसने यदि हमें मौका नहीं दिया तोआपको भी नहीं देगा और हर कर्म और सोच का प्रतिउत्तर हमारा कल होगा हमे केवल एक चिंतन करने की आवश्यकतानहीं हुई वो स्वयं हम थे |

मित्रोंजीवन जीना एक बहुत बड़ी कला है एक ऐसी कला जों हर किये को पुरस्कृत कर पाए की आपके तमाम जीवन कोअपराध बोध में प्रदर्शित करता रहे |

सबसे ज्यादा उम्मीद कामना और सच आदमी केवल अपने से ही बोल सका है इसलिए उसे ही अपना सच्चा साथी बनाओदोस्तों सबसे अच्छा और प्रेम व्यवहार करें क्योकिं जीवन आप पर एक बड़ी परीक्षा की तरह था आपके हाथ में है ये आपकितने नंबर स्वयं को दे पाते है|

1 comment:

Anonymous said...

har jeev me wo shakti samayi hui hai khud ke sath us shakti ko pehchanna bhi jaruri hai wahi sukh shanti aur behisaab sukun pradaan kar deta hai jiski kalpna bhi nahi ki ja sakti bas der hai to sachhe mann se atma se shareer se usko mehsoos karne ki use khud me hee paoge yahi shakti aur mann se ki hui bhakti apko marg dekhne me samarth bana degi samshya bahut hai jeevan me magar us ka hath tham lo prem ki bhakti se sab kuchh khud ba khud aasan ho jaega ye kamna hai wo pramshakti sabko sahi marg darshaye

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