अभिमानी से दूरी बनाएं रखेँ
दैनिक जीवन मे बार बार यह प्रश्न उठता है कि समाज के तमाम लोगो परिवार और हमारे अपनों के साथ सामंजस्य व्यवहार कैसे बनाये रखा जा सके और किस प्रकार अपने स्वयं के आदर्शों को कायम रखा जा सकें । समान्यत: हम अलग अलग लोगों से मिलते है उनमें से कई ऐसे होते है
जिनमें अपने रूप रंग यश धन वैभव और अनेक तरह के अभिमान जाग्रत होते दिखाई देते है वे किसी भी स्थिति में अपने आप को ऊँचा बताने की चेष्टा में लगे रहते है परिणाम यह होता है कि हम अपने आपको हीन समझने लगते है और यहीं से सारी ऋणात्मकताएँ हमारे व्यक्तित्व में घर करने लगती है ।
आज आवश्यकता इस बातकी है कि हम अपने स्वयं के व्यक्तित्व को चिंतन का विषय बनाये रखें और दूसरे की स्वयं को बड़ा दिखाने की भावना को अपने चिंतन का विषय नहीं बनाये और यह बात ध्यान रखे जब कोई आपको इस प्रकार प्रताड़ित करे तो सहज भाव से आप उससे एक नियत दूरी बनालीजिये और जैसे जैसे आप दूर जायेंगे वैसे वैसे उस व्यक्ति का कद बोना होता जाएगा और यही से आपकी जीत आरम्भ हो जायेगी जिसमे तुलना नहीं वरन स्वयं के व्यक्तित्व के विकास की बात होगी ।
दैनिक जीवन मे बार बार यह प्रश्न उठता है कि समाज के तमाम लोगो परिवार और हमारे अपनों के साथ सामंजस्य व्यवहार कैसे बनाये रखा जा सके और किस प्रकार अपने स्वयं के आदर्शों को कायम रखा जा सकें । समान्यत: हम अलग अलग लोगों से मिलते है उनमें से कई ऐसे होते है
जिनमें अपने रूप रंग यश धन वैभव और अनेक तरह के अभिमान जाग्रत होते दिखाई देते है वे किसी भी स्थिति में अपने आप को ऊँचा बताने की चेष्टा में लगे रहते है परिणाम यह होता है कि हम अपने आपको हीन समझने लगते है और यहीं से सारी ऋणात्मकताएँ हमारे व्यक्तित्व में घर करने लगती है ।
आज आवश्यकता इस बातकी है कि हम अपने स्वयं के व्यक्तित्व को चिंतन का विषय बनाये रखें और दूसरे की स्वयं को बड़ा दिखाने की भावना को अपने चिंतन का विषय नहीं बनाये और यह बात ध्यान रखे जब कोई आपको इस प्रकार प्रताड़ित करे तो सहज भाव से आप उससे एक नियत दूरी बनालीजिये और जैसे जैसे आप दूर जायेंगे वैसे वैसे उस व्यक्ति का कद बोना होता जाएगा और यही से आपकी जीत आरम्भ हो जायेगी जिसमे तुलना नहीं वरन स्वयं के व्यक्तित्व के विकास की बात होगी ।
1 comment:
Dear Sir,
Big thanks for allowing me to have access of your valuable thoughts.
I do agree with this "make a distance from a person who thinks to be superior and shows same in his behavior"
Certainly, this is one of the best way to get rid of such personalities as described in your article.
However in our professional and personal life we come across a lot of people with such attitude and character deficiency.
Please throw some light on to make our self unaffected with these things without leaving company of such people.
Regards,
CHASKAR
Mumbai
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