Wednesday, September 8, 2010

समय

वह जों कल था आज बदल गया है वह गति मान है ,जीवन के सबसे तीव्र गातिवेग से ओर वही बता रहा है कि सब कुछ कुछ पलों में बदल जाना है ,हम सब केवल उसे ही सबसे सस्ता समझ बैठे है , शायद यही भूल हमे अपनी उम्र भर परेशां करने को काफी है ,समय कि अबाध गति के सामने युग मर्यादा ,ओर ब्रहमांड कि हर शै ताश के पत्तो की तरह धराशाही होती रही है, मगर हम केवल तमाश बीन बने खड़े रहे है |

जुएँ में ओर जीवन में कोई जीत कर नहीं निकला
यह समय का सबसे सशक्त पहलू हो सकता है , समय ने ब्रहमांड के बहुत से आयामों को हराया है ,ओर हर बार अविजित रहा है ,सम्राटों के सिंघासन ओर ताज इसने चढते ओर उतरते देखे है , सूर्य ओर पृकृति के सुहावने ओर प्रलयंकारी स्वरुप को इसने धैर्य से देखा है ,ओर इतना शक्ति शाली होकर भी यह हर प्राणी के सामने अपना मूल्याकन करने कि चाह रखता है ,जबकि उसका मूल्य समझाने वाला हर शक्श यह जनता है कि वह अनमोल,बेजोड़ ओर अतुलनीय शक्ति संपन्न है |

आज आप ओर मेरे सामने बस यही प्रश्न है कि इसे जीत कौन पाया है दोस्तों समय को जीतने वाला हर इंसान वह था जों इसका महत्व जानता था ,जिसने अपने उद्देश्यों में समयको ही सर्वाधिक महत्व दिया ,जिसने समयकी मान्यताओं के साथ स्वयं को एकसूत्र में बाँधा ओर जिसने हर समय के परिवर्तन की नब्ज के साथ स्वयं को ढाला ,शायद ये ही वो लोग थे जिन्होंने समय को सही ढंग से उपयोगित किया ओर इतिहास बन गए |समय की अबाधता को अपने आदर्शों ओर उद्देश्यों के उच्च शिखर पर रखने वाले ये लोग समय पटल पर अपना नाम सुनहरी अच्छरों में अंकित करने में कामयाब रहे |ओर समय की धारा इन्हें बहुत दूरतक ले गई ओर शायद समय इन सबके सामने नत मस्तक हो गया |


आओ दोस्तों आज हम भी आपके साथ समय की उस गरिमा , तीव्र गति के साथ स्वयं को उसके अनुरूप बनाते हुए अपने उद्देश्यों ओर आदर्शों के पैमानों पर उसे परखे शायद यहीं से हम स्वयं को सिद्ध करने की कोई सशक्त कोशिश कर पायें|

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