Friday, December 6, 2013

सीढ़ियों सी जिंदगी है  हर कदम पर ध्यान रख 

                                                सीढ़ियों सी जिंदगी है  हर कदम पर ध्यान रख

जीवन  का हर  पल महत्वपूर्ण और  अति विचारणीय है उसकी हर क्रिया के पीछे एक बड़ा  चिंतन चाहिये होता है क्योकि  जीवन ईश्वर कि सर्वोच्च श्रेष्ठ कृति है और उसमें स्वयं को सिद्ध करने कि ताकत भी है ,अतः उसके हर विचार कर्म और सोच को सकारात्मक होना चाहिए !आज जब समाज में रेप हत्या भ्रष्टाचार और अनादर्शों का बोल बाला है हर आदमी झूठ फरेब अनाचार से अपना कार्य सिद्ध करने में लगा है वहाँ  आदर्शों अनादर्शों की  सोच का सवाल ही कहाँ है वहाँ तो केवल अपनी वर्त मान की  सोच और कैसे भी अपना  उद्देश्य  पूरा करने की  होड़ है चाहे भविष्य में उसके परिणाम कैसे भी हो !मेरे दोस्त झूठ फरेब और केवल वर्तमान की  हवस के लिए हम जिन अनादर्शों  का सहारा ले रहे होते है वे ही हमारे भविष्य का दर्पण होते है और वही से निकली नकारात्मकता हमारे सारे जीवन को नष्ट कर डालती  है !

आज जब समाज के अभिजात्य वर्ग को अपराधों और कैसे भी काम निकालने कि तकनीक में हम अपराधों में लिप्त पाते है तो हमे बड़ा बुरा लगता है मगर कमोवेश हमसब भी   कई स्थानों पर कैसे भीं झूठ  सच बोलकर दूसरों को मुर्ख समझ कर अनादर्शों  सेअपना  काम सिद्ध  कर लेते है मगर यह भूल जाते है कि शायद हम उन बड़े अनादर्शो  कि नीव अभी से रख रहे है हम जिनकी आज आलोचना कर रहे है ,और यही हमारे जीवन में एक ऐसे कीट की  शुरुआत हैजो बड़ा होकर हमारे सम्पूर्ण व्यक्तित्व को चट कर जाएगा !

 दोस्तों प्रकृति का ये सबसे बड़ा सत्य है कि वह हमारी हर सोच को अच्छे से पढ़ कर हमारी सफलता असफलता और भविष्य की  हर क्रिया को तय करती है फिर हमें उसके निर्णय पर अविश्वास क्यों  होता है,  आज हम जो मान दंड आदर्श और सत्य बो रहे है वो ही कल हमारे लिए फलीभूत होने है और उनका ही सत्य हमारे भविष्य को पुरस्कृत करेगा यदि हमने झूठ फरेब अनाचार और कैसे भी  काम निकालने की   तकनीक में अनादर्शों का ढेर बनाया है तो सत्य समझ लें कि आपका भविष्य आपके लिए दुःख का कारक जरूर बनेगा चाहे आप कितने  ही संपन्न क्यों न होजाये !

मित्रों जो भी बीत गया वो कल था और वर्तमान यदि   आदर्श न बना पाया तो उसे पर वश ही होना होगा
 जीवन एक  सीढ़ी  है एक ऐसी सीढ़ी जिसे ईश्वर ने आदमी को भगवान् की सीमा तक पहुंचने के लिएतैयार किया है उसका हर पायदान आपकी परीक्षा के लिए बना था आपको हर पायदान की  परीक्षा में प्रथम सिद्ध होना था यह जानते  हुए कि यदि एक पायदान भी आपको अक्षम सिद्ध करता है तो आपका सम्पूर्ण जीवन व्यर्थ हो जावेगा और जीवन अपनी सार्थकता खो देगा !दोस्तों ईश्वर ने हमे नियत उद्देश्य के लिए पैदा किया है उसके महा उद्देश्य को  पूर्णतः समझने का प्रयत्न अवश्य करें अन्यथा हमभी पशुवत व्यवहार के लिए आहार ,निद्रा, और मैथुन तक जीवन को समझ कर हजारों  अनादर्शों  के साथ जीवन का मूल उद्देश्य छोड़  बैठेंगें !

आज तक आपने क्या किया क्या जिया मै नहीं जनता मगर यदि आप आज जीवन का मूल्य समझना चाहते है तो मेरे साथ आइये दोस्तों इस रास्तें में कठिनाई अवश्य है वर्त्तमान का सुख और अनादर्शों का झूठा मरहम भी नहीं है मगर इसमें जीवन को समझने का भाव है इसमे आदर्शों को मर्यादा में परिवर्तित करने की ताकत है  जीवन के हर पल की क्रिया को उस ईश्वरीय सीढ़ी  का पाय दान समझ कर  उसे आदर्शों और मर्यादाओं के साथ पूर्ण करने का संकल्प लें ,यह मान लें कि जीवन ईश्वर की  बहुमूल्य कृति  इस लिए भी है कि उस ईश्वर के इस कार्य को पूर्ण करने में में  कहा भूमिका अदा  कर  रहा हूँ  दोस्तों में  दावे से यह कह सकता हूँ कि इस मार्ग से आप सम्पूर्ण प्रकृति को जीत कर अजेय हो सकते है,बस एक बार सार्थक प्रयत्न की  आवश्यकता है  !

अनंत कामनाएँ,जीवन और सिद्धि

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