Friday, April 2, 2010

जीवन जीना कला है

जीवन जीने के बहुत से तरीके है अनादी काल से इंसान ने अपने अनुसार जीवन का दोहन किया ओर वह बार बारओर अधिक ओर अधिक उपयोग उपभोग से जीवन को जीतने का प्रयत्न करता रहा है , सम्राट राजा महाराजा ओरसमाज के साधन संम्पन्न वर्ग ने अपने साधनों से ,शक्ति संपन्न लोगो ने अपनी शक्ति से ओर सत्ता संपन्न ने अपनेप्रभुत्व से हमेशा जीवन को अपने अनुरूप दोहन करने का अथक प्रयास भी किया ओर अपने अपने अनुरूप दुनियामें अपने जीवन को आकार भी दिया |
किसीने कपट, धोखे , फरेब ,
बेइमानी , रिश्तों के काले स्वप्नों के सहारे अपने घृणित मानसिकताओं से जीवनओर संबंधों को छला ओर जीवन को कई बार प्रश्न चिन्ह बना डाला ओर लूट के इस खेल में उसने कभी दूसरे कीमानसिकता का ख्याल ही नहीं किया ,उनके दुःख यातनाएं ओर जीवन के प्रश्न चिन्ह उसे कभी परेशान नहीं करपाए वह अपनी सोच में केवल अपनी लूट ओर डकैती ओर उससे प्राप्त उपलब्धियों पर स्वयं को सराहता रहा |
किसीने नशे के महा सागर में स्वयं को डुबोकर जीवन को इसका मायने समझ लिया उसके लिए जीवन का मायनेकेवल नशा ऐशो आराम ओर जीवन को भुला देना ही एक मात्र जीवन का लक्ष्य था ओर उसने इसी तरह जीवन काउपयोग किया |


जीवन जुआँ ओर बाजी में कोई जीत कर निकला ही नहीं ,
हरबारउसे अपने हर किये का फल दीर्घ समय तकफल भोगना पडा
ओर समय ने उसे हर किये का हिसाब मय ब्याज वापिस किया

हर इंसान अपने जीवन से परम संतोष चाहता रहा मगर वह अपना परम संतोष साधनों ,सत्ता ओरकैसे भी कामकरने की क्रिया से उपलब्धियां हासिल करने में व्यस्त रहा जबकि इसके दूसरे पहलू में यह स्पष्ट था कि साधनोंक्रियाओं ओर उपलब्धियों से लूटा हुआ सार एक दिन बड़ा अपराध बोध बनने वाला था

मित्रों हम जों बो रहे है वही हमारी नियति है हमारी पीढ़िया भी वहीँ सीख रही है वही इसका सटीक जबाब भी देंगी |समय, बराबरी की प्रतिक्रिया का सिद्धांत आपकी हर सोच ओर क्रिया काआंकलन कर रहा है आपके हर धोखे कपटओर निकृष्ट मानसिक सोच का जबाब है उसके पास ओर वह भीआपके लिए आपके अनुसार ही योजना को मूर्तरूप दे चुका है |
आवश्यकता इस बात की है जीवन को साधनों ,सत्ता , धन वैभव ओर महत्वाकांक्षाओं से कोई जीत ही नहीं पाया हैयह बात ओर की उन्होंने अपने बल सम्पन्नता कपट धोखे से उसे अपनी उपलब्धियों का विषय कुछ समय केलिएजरूर बना लिया मगर समय के चक्र ने उन्हें जब हराया तो उन्हें अच्छी मौत भी नसीब नहीं हो पायी चाहे वहसिकंदर महान हो या वह हिटलर या कोई भी रहा हो |
दोस्तों समय को जीतने के लिए केवल आदर्शों उद्देश्यों ओर मान दंडों की आवश्यकता है यह भाव अनन्य प्रेम ओरविश्व बंधुत्व के भाव से उत्पन्न हो ओर यह केवल मन का विषय है , जब आपके पास अपने जीवन को जीने कीइमानदारी सत्य ओर भविष्य के प्रति सहज ओर सरल सोच होगी तो समय आपके सामने स्वयम नत मस्तक होजायेगा अन्यथा आपकी शांति , सुख ओर उपलब्धिया एक ऐसा शाप बन जायेगी जिसके लिए आपको कई जन्मोंभटकना होगा |

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